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December 18, 2015

पढ़े मिथिला - बढे मिथिला (भाग - १ )

मिथिला और शिक्षा

शिक्षा के क्षेत्र में मिथिला एक दिन एहन छल जे जकर लोहा स्वंय शंकरचार्य मानने छलाह, ओहि धरती के विद्वता देखि स्वंय भगवन शंकर चाकर बानी एला, जाहि धरती पर कालिदास मुर्ख ज्ञानी बनला, और ज्ञान प्राप्त कालिदास मेघदूत के रचना कएला और ओहि में लिखने छैथ जे "यक्ष बादलो के सहारे अलकापुरी में अपने प्रेमिको को चित्र भेजता है", ओहि समय विज्ञान पुत्र सब ओहि के कवि के कल्पना कहला मुदा आई जखन कोनो सन्देश , चित्र , ऑडियो या वीडियो अपना मोबाइल पर प्राप्त होयत अछि लगैत अछि जे सिर्फ कवि के कल्पना ही नाइ बल्कि मिथिला के विद्व्ता / ज्ञान के प्रकाष्ठा छल जे मिथिला के धरती प्राप्त भेल रहे, मुदा ओहि मिथिला के धरती के आई कि भेल जे सही सब गाम में प्रायमरी स्कूल तक नाइ अछि ?

जाहि गाम के हम सब जहाँ छोड़ी आएल रही ओहि ठाम शायद एक कदम आगा नै बढ़ी पाएल, !
मिथिला आइ शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ किया गेल?

देहाती में एक कहावत अछि जे : जे बिना गुरु के ज्ञान प्राप्त नै होयत अछि !!
आई गुरु के संख्या भी कम रहल अछि मिथिला मेंकारन स्पस्ट अछि - विद्यार्थी सब 12th / इंटर या अधिक अधिक स्नातक पूरा मिथिला पलायन जाइत छैथ (एहु के कारन स्पस्ट अछि एही आगा पढाई के निक / उचित व्यवस्था नै) और जे जहाँ गेला ओहि ठाम के वासी जाइत छैथ और मिथिला फेर अपन नव पीढ़ी के भविष्य के निर्माण में लगी जाइत अछि , पलायन जब तक नै रुकत तब तक मिथिला के हाल में कोनो सुधार नै होएत !

एयर पोर्ट बनाऊ / फिल्म सिटी बनाऊ या स्मार्ट सिटी मुदा समस्या के हल सम्भंव नै अछि , कते बनायब   एयरपोर्ट , फिल्म सिटी , स्मार्ट सिटी , मुदा 5 करोड़ मैथिल के एहि किछु नै होयत, एकर मतलब नै जे सब नै बनबाक चाही , रोजगार के क्षेत्र में सब भेनाइ सेहो जरुरी अछि , लेकिन मूल कारन जे अछि पलायन के बंद नै होयत , ओहो बंद होए ओकर उपाय के सोचे पड़त  हम सब मैथिल के !!

मिथिला में प्रायमरी लक कौशल विकाश के व्यवस्था के लेल "मैथिल सेवा संस्थान" अपन डेग के आगा बढ़ा रहल अछिसंस्था  सोचल - समझल रणनीति (मिशन ) के तहत काज के प्रारम्भ करत, जाहि के  सफलता लेल संस्था के स्वंयसेवी दिन राईत एक केने छैथ !!

मैथिल और मिथिला के बुनियादी असुविधा के ध्यान में राखी अपन भागीरथी प्रयाश   रहल अछि, अपने सब के  सहयोगक आवश्यकता अछि संस्था के !

हर एक मैथिल निवेदन जे अपने सब संस्था के कदम कदम मिला संस्था के ही नै बल्कि सम्पूर्ण मिथिला के मजबूत करी !

अपने सब मिथिला के भविष्य निर्माण में  कम कम के साल दी, संस्था काज के ओहि एक साल में मूल्यांकन करी !

आऊ संस्था के मिशन के हिस्सा बनु - "मिशन पढ़े मिथिला - बढे मिथिला" में अपना सहयोग करी !!

!! जखन पढ़त मिथिला - तखने बढ़त मिथिला !!

धन्यवाद

दुर्गानाथ झा

#मिशन_पढ़े_मिथिला_बढे_मिथिला_ भाग_1


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